Khayal Wese To Kisi Bhi Cheej Ka Ho Sakta Hai Par Yaha Mai Jo Baat Kar Raha Hu Wo Khayal Ka Matlab Puraani Yaado Se Hai Jo Aati Hai To Kabhi Rulati Hai To Kabhi Hasaati Hai, Esi Yade Hai Jinko Bhulana Bhi Cahate Hai Par Wo Nahi Bhula Paate To Kya Kare Unhi Khyal Ke Saath Jina Hota Hai.
ख्याल वेसे तो किसी भी चीज का हो सकता है पर यह मैं जो बात कर रहा हूं वो ख्याल का मतलब पुरानी यादों से है जो आती है तो कभी रुलाती है तो कभी हंसी है, कुछ ऐसी याद है जिन्को भुलाना भी चाहते हैं पर वो नहीं भुला पाते है तो क्या करे उन्ही ख्याल के साथ जीना होता है।
तुम्हे कुछ नही पता
क्या हुआ और क्या हो रहा है
कोई अपने ही जन्नाजे की
लाश पर रो रहा है