Hello friends, I am your friend aacky verma once again with my new poem, titled Tum nahi samjhoge poetry by aacky verma. In which the feelings of 2 people have been shown. Where one feels that his suffering is big, not the other’s. The same other tries to explain that even his misery is of no use. There can be different types of suffering, but suffering is suffering.
नमस्कार दोस्तो, मैं आपका दोस्त aacky verma एक बार फिर हाजिर हू लेके अपनी नई कविता, जिसका शीर्षक है तुम नहीं समझोगे ( tum nahi samjhoge poetry by aacky verma) . जिसमे 2 लोगो के भावनाओ को दर्शाया गया है | जहा एक को लगता है की उसका दुख बड़ा है दूसरे का नही। वही दूसरा समझाने की कोशिश करता है की उसका दुख भी कोई काम नहीं। दुख के प्रकार अलग अलग हो सकते है पर दुख तो दुख है।
रकीब दुखी था तो
Aacky ने पूछा क्या हुआ है
रकीब ने कहा दिल जला हुआ है
तुम नही समझोगे
तो aacky ने कहा तुम्हारा दिल जला हुआ है
इसलिए दिख रहा है
मैने अपना दिल दफना दिया है
इसलिए छुपा हुआ है
बात तो एक ही है
मगर ये तुम नही समझोगे
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@aackyshayari
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