Hello friends, I am your friend Aacky Verma and once again I am here with my new shayari poetry titled Ab fark nahi padta attitude shayari. The poet says that now I do not aspire for any achievement means someone’s love, because now i learned to love myself, so now we live in ourselves, by the winds blowing in atmosfear, it means that these peoples are keep saying about me, trust me now I don’t care who says what.
नमस्कार दोस्तो, में आपका दोस्त Aacky Verma और एक बार फिर हाज़िर हु लेके अपनी नई शायरी जिसका शीर्षक है अब फर्क नही पड़ता ( ab fark nahi padta attitude shayari). कवि कहता है की अब मुझे किसी भी उपलब्धि मतलब किसी की मोहब्बत की खवाहिश नहीं, क्यौकि अब हमने खुद से मोहब्बत करनी सीख ली है, इसलिए अब हम खुद मे ही मसरूफ रहते है, फीजा मे बहती हवाओ से मतलब है की ये जो लोग मेरे बारे मै कहते फिरते है, कहते रहो क्यौकि अब मुझे फर्क नही पड़ता की कोन क्या कहते है
किसी मयस्सर की खवाहिश नही हमे
अब हम खुद के कायल रहते है
अब फ़िज़ा मे बहती हवाओ से क्या गिला
फर्क नही पड़ता कोन, क्या कहते है
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